8th pay commission: नए साल की शुरुआत में केंद्र सरकार ने 48 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 67 लाख पेंशनर्स को बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है, जो 2026 से लागू होने की संभावना है।
मंजूरी का महत्व
केंद्रीय कैबिनेट ने आठवें वेतन आयोग को स्वीकृति देकर कर्मचारियों के लंबे इंतजार को समाप्त किया है। सरकार जल्द ही आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति करेगी। यह निर्णय कर्मचारियों के बीच उत्साह का कारण बना है।
वेतन में प्रस्तावित वृद्धि
आयोग की सिफारिशों के लागू होने पर कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी में 90 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि होने की संभावना है। वर्तमान में 18,000 रुपये की न्यूनतम बेसिक सैलरी बढ़कर 34,500 रुपये हो सकती है। इसी तरह, न्यूनतम पेंशन 9,000 रुपये से बढ़कर 17,200 रुपये होने का अनुमान है।
कार्यान्वयन की समय-सीमा
केंद्रीय मंत्री के अनुसार, सातवें वेतन आयोग का कार्यकाल 2026 में समाप्त होगा। इससे पहले आठवें वेतन आयोग की रिपोर्ट तैयार कर ली जाएगी। पिछले अनुभव के आधार पर, आयोग के गठन से लेकर कार्यान्वयन तक लगभग 18 महीने का समय लग सकता है।
व्यापक प्रभाव
नए वेतन आयोग के लागू होने से पूरा वेतन ढांचा बदल जाएगा। इसमें महंगाई भत्ता, मकान किराया भत्ता और अन्य भत्तों में भी संशोधन किया जाएगा। यह बदलाव कर्मचारियों को महंगाई से राहत प्रदान करेगा और उनकी बचत क्षमता को बढ़ाएगा।
कर्मचारियों की प्रतिक्रिया
कैबिनेट के इस निर्णय ने कर्मचारियों में उत्साह का माहौल पैदा किया है। सातवें वेतन आयोग की तरह इस बार भी वेतन में महत्वपूर्ण वृद्धि की उम्मीद है, जो कर्मचारियों के जीवन स्तर में सुधार लाएगी।
आठवां वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। यह न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा बल्कि समग्र जीवन स्तर में सुधार लाएगा। कर्मचारियों को अब 2026 में इसके कार्यान्वयन का इंतजार है।