Salary Hike 2025:मोदी सरकार ने हाल ही में एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है जिसने सरकारी कर्मचारियों में नई उम्मीद जगाई है। कैबिनेट की बैठक में आठवें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी गई है, जिसकी घोषणा केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की। यह निर्णय देश के 49 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 68 लाख पेंशनभोगियों के लिए राहत लेकर आया है।
वेतन वृद्धि का विस्तृत विश्लेषण
नए वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर को 2.57 से बढ़ाकर 2.86 करने की संभावना है। इस बदलाव से कर्मचारियों के वेतन में 186 प्रतिशत तक की वृद्धि होने की उम्मीद है। न्यूनतम मूल वेतन जो वर्तमान में 18,000 रुपये है, वह बढ़कर 51,480 रुपये हो जाएगा। इसी प्रकार, न्यूनतम मूल पेंशन 9,000 रुपये से बढ़कर 25,740 रुपये हो जाएगी।
कार्यान्वयन की समय सीमा
सातवें वेतन आयोग की अवधि 2025 के अंत में समाप्त हो रही है। नए आयोग को 2026 तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। इसके लिए एक अध्यक्ष और दो सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी। सरकार दस वर्षों के अंतराल के नियम को बनाए रखते हुए 2026 में आठवें वेतन आयोग को लागू करेगी।
पिछले वेतन आयोगों का प्रभाव
सातवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिससे वेतन में 157 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। छठे वेतन आयोग में 86 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई थी। यह क्रमिक वृद्धि दर्शाती है कि प्रत्येक नए वेतन आयोग के साथ कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में सुधार होता रहा है।
महंगाई भत्ते में प्रस्तावित वृद्धि
नए वेतन आयोग में महंगाई भत्ते में भी महत्वपूर्ण वृद्धि की जाएगी। यह वृद्धि कर्मचारियों को बढ़ती महंगाई से राहत प्रदान करेगी और उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने में सहायक होगी।
लाभार्थियों का विस्तृत विवरण
यह वेतन आयोग न केवल वर्तमान कर्मचारियों बल्कि पेंशनभोगियों के लिए भी लाभदायक होगा। कुल मिलाकर 1.17 करोड़ से अधिक लोग इस निर्णय से प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे। यह संख्या दर्शाती है कि यह निर्णय कितने बड़े पैमाने पर प्रभाव डालेगा।
आर्थिक प्रभाव और महत्व
इस वेतन वृद्धि का प्रभाव केवल कर्मचारियों तक ही सीमित नहीं होगा। इससे अर्थव्यवस्था में भी सकारात्मक बदलाव आएगा। बढ़ी हुई क्रय शक्ति से बाजार में मांग बढ़ेगी, जिससे आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
आठवां वेतन आयोग सरकारी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। यह न केवल उनके वेतन में वृद्धि करेगा बल्कि उनके समग्र जीवन स्तर में सुधार लाएगा। 186 प्रतिशत की प्रस्तावित वृद्धि पिछले वेतन आयोगों की तुलना में काफी अधिक है, जो सरकार की कर्मचारी-हितैषी नीतियों को दर्शाता है। यह निर्णय निश्चित रूप से सरकारी कर्मचारियों के मनोबल को बढ़ाएगा और उनकी कार्यक्षमता में सुधार लाएगा।