PM Vishwakarma Training Centre List 2025: पीएम विश्वकर्मा योजना की शुरुआत 17 सितंबर 2023 को की गई। यह योजना पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को आधुनिक तकनीकों से जोड़ने और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इस योजना के तहत कारीगरों को मुफ्त प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
योजना का उद्देश्य और महत्व
इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के कारीगरों को नवीन तकनीकों से परिचित कराना है। सरकार का मानना है कि जब शिल्पकार और कारीगर अपने कौशल को विकसित करेंगे, तो उन्हें बेहतर रोजगार के अवसर मिलेंगे। इससे उनकी आय में वृद्धि होगी और जीवन स्तर में सुधार आएगा। योजना में 18 पारंपरिक व्यवसायों को शामिल किया गया है।
वित्तीय सहायता का प्रावधान
योजना के तहत कई प्रकार की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। प्रशिक्षण के दौरान प्रतिदिन 500 रुपये का भत्ता दिया जाता है। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद औजार खरीदने के लिए 15,000 रुपये की सहायता राशि दी जाती है। इसके अतिरिक्त, व्यवसाय शुरू करने के लिए 3,00,000 रुपये तक का कम ब्याज दर पर ऋण भी उपलब्ध कराया जाता है।
पात्रता मानदंड
योजना का लाभ लेने के लिए कुछ आवश्यक मानदंड निर्धारित किए गए हैं। आवेदक की आयु 18 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए। उसे योजना के अंतर्गत आने वाले 18 पारंपरिक व्यवसायों में से किसी एक में कार्यरत होना चाहिए। आधार कार्ड अनिवार्य है, और संबंधित काम का बुनियादी ज्ञान और अनुभव होना आवश्यक है।
प्रशिक्षण केंद्रों की जानकारी
सरकार ने देशभर में विभिन्न राज्यों और शहरों में प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए हैं। कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, असम, जम्मू और कश्मीर जैसे राज्यों में ये केंद्र कार्यरत हैं। प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, लखनऊ में भी विशेष प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए गए हैं।
प्रशिक्षण केंद्र सूची की जानकारी प्राप्त करने की प्रक्रिया
प्रशिक्षण केंद्रों की जानकारी प्राप्त करने के लिए एक सरल ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाई गई है। योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर डैशबोर्ड के माध्यम से ट्रेनिंग सेंटर विकल्प का चयन करें। अपना राज्य और जिला चुनें, फिर फोकस मोड में केंद्रों की पूरी सूची देख सकते हैं। प्रत्येक केंद्र का नाम, संपर्क नंबर, ईमेल और पूरा पता उपलब्ध होता है।
योजना का प्रभाव और भविष्य
यह योजना पारंपरिक कारीगरों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव ला रही है। प्रशिक्षण से न केवल उनके कौशल का विकास हो रहा है, बल्कि वित्तीय सहायता से वे अपना व्यवसाय स्थापित कर पा रहे हैं। इससे पारंपरिक कलाओं का संरक्षण भी हो रहा है और रोजगार के नए अवसर भी सृजित हो रहे हैं।
पीएम विश्वकर्मा योजना पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह न केवल उनके कौशल विकास में सहायक है, बल्कि आर्थिक सशक्तिकरण का भी माध्यम है। प्रशिक्षण केंद्रों की व्यापक उपलब्धता से यह सुनिश्चित हो रहा है कि योजना का लाभ अधिक से अधिक पात्र व्यक्तियों तक पहुंच रहा है।