EPFO Pension Hike 2025: ईपीएफओ की कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) 1995 से प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को पेंशन सुविधा प्रदान कर रही है। यह योजना उन कर्मचारियों के लिए वित्तीय सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण माध्यम है जो सरकारी क्षेत्र में कार्यरत नहीं हैं।
पात्रता और योगदान
इस योजना का लाभ लेने के लिए कर्मचारी के पास पीएफ खाता होना अनिवार्य है। कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 12% हिस्सा प्रोविडेंट फंड में जमा होता है। कंपनी भी इतना ही योगदान करती है, जिसमें से 8.33% ईपीएस में और 3.67% पीएफ में जाता है।
पेंशन की पात्रता और राशि
पेंशन 58 वर्ष की आयु के बाद मिलनी शुरू होती है। इसके लिए कम से कम 10 वर्ष की सेवा आवश्यक है, जो लगातार होना जरूरी नहीं है। वर्तमान में 15,000 रुपये तक की मासिक सैलरी वाले कर्मचारियों को 10 साल की सेवा के बाद 2,143 रुपये तक की मासिक पेंशन मिलती है।
नए प्रस्तावित बदलाव
जनवरी 2025 में ईपीएस-95 पेंशनर्स के प्रतिनिधि मंडल ने वित्त मंत्री से मुलाकात कर न्यूनतम मासिक पेंशन को बढ़ाकर 7,500 रुपये करने की मांग की है। साथ ही मुफ्त चिकित्सा सुविधा की भी मांग की गई है।
पेंशन की गणना
पेंशन की राशि एक निश्चित फॉर्मूले के आधार पर तय की जाती है: मासिक पेंशन = (पेंशनयोग्य वेतन × पेंशनयोग्य सेवा) ÷ 70। यह फॉर्मूला सभी कर्मचारियों पर समान रूप से लागू होता है।
महत्वपूर्ण प्रभाव
प्रस्तावित बढ़ोतरी से बुजुर्ग पेंशनभोगियों को सबसे अधिक लाभ होगा। यह उनकी वित्तीय सुरक्षा को मजबूत करेगा और बढ़ती महंगाई से निपटने में मदद करेगा।
भविष्य की संभावनाएं
यदि सरकार इन प्रस्तावों को स्वीकार करती है, तो यह प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी। इससे लाखों पेंशनभोगियों के जीवन स्तर में सुधार होगा।
ईपीएफओ पेंशन योजना में प्रस्तावित बदलाव आधुनिक समय की आवश्यकताओं के अनुरूप हैं। यह बदलाव न केवल वर्तमान पेंशनभोगियों को लाभान्वित करेंगे, बल्कि भविष्य में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के लिए भी एक बेहतर वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।