salary hike:मोदी सरकार ने आठवें वेतन आयोग को मंजूरी प्रदान कर दी है, जो एक करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और लाखों पेंशनभोगियों के लिए खुशखबरी है। यह आयोग कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में महत्वपूर्ण वृद्धि करने की योजना बना रहा है।
प्रस्तावित वेतन वृद्धि
नई व्यवस्था के तहत, कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में भारी वृद्धि की संभावना है। वर्तमान 18,000 रुपये से बढ़कर यह 51,480 रुपये तक पहुंच सकती है, जो लगभग 186 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है। यह बढ़ोतरी कर्मचारियों के जीवन स्तर में सुधार लाएगी और बढ़ती महंगाई से राहत प्रदान करेगी।
कार्यान्वयन की समय सीमा
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की है कि आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें 2025 तक तैयार कर ली जाएंगी। इन्हें 1 जनवरी 2026 से लागू किया जाएगा, जिसका मतलब है कि कर्मचारियों को फरवरी 2026 से बढ़ी हुई सैलरी मिलनी शुरू हो जाएगी।
फिटमेंट फैक्टर का महत्व
वेतन वृद्धि का मुख्य आधार फिटमेंट फैक्टर होगा। सातवें वेतन आयोग में यह 2.57 था, जिससे बेसिक वेतन 7,000 से बढ़कर 18,000 रुपये हुआ था। आठवें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.86 तक बढ़ सकता है, जिससे वेतन में भारी वृद्धि होगी।
राज्य सरकार के कर्मचारियों पर प्रभाव
हालांकि राज्य सरकारें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों को अपनाने के लिए बाध्य नहीं हैं, फिर भी अधिकांश राज्य इन सिफारिशों को अपने स्तर पर लागू करते हैं। जैसे महाराष्ट्र और तमिलनाडु ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को अपनाया था।
आयोग का गठन और कार्यप्रणाली
जल्द ही आयोग के अध्यक्ष और दो सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी। यह टीम कर्मचारियों के वेतन और भत्तों से संबंधित सभी पहलुओं का विस्तृत अध्ययन करेगी और उचित सिफारिशें प्रस्तुत करेगी।
वर्तमान स्थिति और भविष्य की योजना
वर्तमान में कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के तहत लाभ मिल रहा है, जिसकी अवधि 2026 में समाप्त हो रही है। नए आयोग की सिफारिशें समय पर लागू हो सकें, इसलिए इन्हें 2025 तक तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है।
आठवां वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार लाएगा, बल्कि बढ़ती महंगाई से निपटने में भी मदद करेगा। सरकार की यह पहल कर्मचारियों के कल्याण के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।